Tuesday, June 17, 2025
बसुमती स्नान राजा पर्व का तीसरा और अंतिम दिन है, जिसमें माना जाता है कि पृथ्वी देवी स्नान किया जाता है। इस दिन को "भूकंप" के नाम से भी जाना जाता है 🌾बसुमती स्नान का अर्थ: "बसुमती" अर्थात पृथ्वी देवी। इस दिन धरती माँ को गंगाजल, चंदन, मंत्र, पुष्प और मंगल वस्तुओं से स्नान किया जाता है। यह स्नान पवित्रता, प्रजनन क्षमता और सृजन की नई शुभ शुरुआत का प्रतीक है 🐘 बसुमती स्नान की विधि। 1. गाँव से मिट्टी लेकर घर के अंदर धरती पूजा जाती है। 2. आम, मणिमाली, दुर्बा और फूलों से सजाया गया है। 3. माँ को दूध तुलसी गंगाजल चंदन देकर स्नान किया जाता है। 4. घर के लोग स्नान के बाद शुभ वस्त्र भी पहनते हैं और मिट्टी को नमन करते हैं। 🌼 अन्य रीति रिवाजों: इन दिनों का मतलब ये नहीं की हम बसन्धरा पर कदम नहीं रखेंगे। खेती बंद रहती है झूला, केक, मनोरंजन के साथ-साथ गीत-नृत्य भी इस दिन समाप्त होता है। ✨ सारांश: मां धरित्री के पावन संस्कार, शुद्धि और नव जीवन की शुरुआत है बसुमती स्नान। यह ओडिया संस्कृति के गौरव और पृथ्वी के लिए गहरा स्नेह व्यक्त करता है। 🌸 बसुमती स्नाना, राजा उत्सव का पवित्र अनुष्ठान, धरती माँ की शुद्धि और सम्मान का प्रतीक है। राजा पर्व के इस अंतिम दिन, लोग फूल, हल्दी, दूध और पवित्र जल के साथ भूदेवी की पूजा करते हैं - उनकी प्रजनन क्षमता, शक्ति और मानसून के आगमन का जश्न मनाते हुए। नारीत्व और पृथ्वी का समान सम्मान करें। 🌍💐
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